पटना, बिहार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार, 1 सितंबर 2025 को बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ वोटर अधिकार यात्रा के समापन समारोह में हिस्सा लिया। यह यात्रा, जो 17 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम से शुरू हुई थी, 1,300 किलोमीटर की दूरी तय कर 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता का प्रतीक बनी।
गांधी मैदान से शुरू हुआ मार्च
पटना के गांधी मैदान से शुरू हुए इस ‘गांधी से अंबेडकर’ मार्च में INDIA गठबंधन के कई प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीआई(एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य, एनसीपी(एसपी) की सुप्रिया सुले, सीपीआई(एम) के डी. राजा और एम.ए. बेबी जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे। मार्च गांधी मैदान से शुरू होकर बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा पर समाप्त हुआ, जहां नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की और जनसभा को संबोधित किया।
“वोट चोरी के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन”
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने इस अवसर को “विपक्षी एकता का ऐतिहासिक प्रदर्शन” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह रैली बीजेपी और एनडीए की साजिशों के खिलाफ एकजुटता का संदेश है। वोटर अधिकार यात्रा ने बिहार ही नहीं, पूरे देश में लोगों का ध्यान खींचा है।” पांडेय ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित, मजदूर, किसान और आदिवासी समुदायों के मताधिकार को प्रभावित करने की साजिश है।
हेमंत सोरेन ने दिया एकता का संदेश
पटना एयरपोर्ट पर पहुंचने पर सीएम हेमंत सोरेन का जोरदार स्वागत हुआ। जेएमएम कार्यकर्ताओं ने उन्हें माला और बुके देकर अभिनंदन किया। अपने संबोधन में सोरेन ने कहा, “यह यात्रा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए है। हम एकजुट होकर बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों का मुकाबला करेंगे।” उन्होंने बिहार और झारखंड में INDIA गठबंधन की मजबूती पर जोर दिया और आदिवासी व कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा का वादा किया।
यात्रा में शामिल हुए कई दिग्गज
वोटर अधिकार यात्रा में पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, तेलंगाना के सीएम ए. रेवंत रेड्डी, और सपा प्रमुख अखिलेश यादव जैसे नेता शामिल हो चुके हैं। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं, खासकर 65 लाख नाम हटाए जाने के मुद्दे को उजागर करना था। कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने इसे “वोट चोरी के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन” बताया।
बिहार चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन
वोटर अधिकार यात्रा को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े सियासी अभियान के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा ने बिहार के 25 जिलों को कवर किया, जिसमें गया, नवादा, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, और छपरा जैसे क्षेत्र शामिल थे। यह रैली विपक्षी दलों के लिए एकजुटता का मंच बनकर उभरी, जो बीजेपी-एनडीए के खिलाफ रणनीति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।