झारखंड में संचालित 80 उत्कृष्ट विद्यालय के सुचारू संचालन के लिए निर्देश जारी

  1. शिक्षकगण तैयार करेंगे एवं इसके आधार पर पठन-पाठन करेंगे J-guruji पर Split Syllabus के आधार पर शिक्षकों के द्वारा सम्पादित कक्षाओं की जानकारी को J-guruji में संधारित करेंगे ताकि तय समय में शिक्षकों के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा विभाग के द्वारा ऑनलाईन किया जा सके।
  2. प्रत्येक माह के प्रथम एवं द्वितीय शनिवार को हिन्दी / अंग्रेजी / संस्कृत की व्याकरण एवं गणित / विज्ञान की एक-एक घंटी की कक्षा आयोजित की जायेगी। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं के All Round Development Extra Curricular Activities (Debate, Painting, Singing, Craft, Quiz, Cursive Handwriting, Games Cultural Activities etc.) की जायेगी।
  3. विभागीय अधिसूचना संख्या- 520 दिनांक 21.03.2025 के प्रावधानों का अक्षरशः पालन किया जाय। इस निमित्त प्रधानाध्यापक की जवाबदेही होगी कि शिक्षकगण कक्षावार विषयवार पाठय-वस्तु को Split Syllabus के आधार पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगें। सभी संबंधित शिक्षक से अपेक्षा की जाती है कि कक्षावार, विषयवार पाठ्य वस्तु को अध्यापन कार्य करने के पूर्व संध्या समय में Revision करेंगे। अपने ज्ञान में समृद्धि लाने के निमित्त पाठ्यपुस्तक के साथ-साथ ऑनलाईन Study Material एवं अन्य पाठ्यपुस्तकों को Explore करेंगे।
  4. CBSE/JAC Pattern के आधार पर (कक्षा 8 से 12 ) सितम्बर माह में SA-I, एवं मार्च माह में SA-II का आयोजन JAC के द्वारा किया जायेगा।
  5. JCERT के द्वारा कक्षा 1 से 7 का SAI एवं SA-II का आयोजन विद्यालय स्तर पर कराई जायेगी तथा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जिले में अंतर विद्यालय (inter school) स्तर पर कराई जायेगी तथा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लिए Pre-Test-1 दिसम्बर में एवं Pre-Test II जनवरी में आयोजन किया जायेगा।
  6. मासिक परीक्षा, SA-1 एवं SA-II के आयोजन के पश्चात् परीक्षा परिणाम का मूल्यांकन एवं विश्लेषण एक सप्ताह के अन्दर करते हुए बच्चों के अधिगम स्तर में वृद्धि लाने हेतु कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जायेगा एवं कमजोर बच्चों के लिए विषयवार Special/ Remedial Classes का आयोजन कराया जायेगा।
  7. पूरे माह में सम्पन्न किए गए पाठ्य वस्तु से प्रत्येक माह में मासिक परीक्षा का आयोजन किया जायेगा तथा बच्चों का ग्रेडिंग की जायेगी एवं PTM/SMC की बैठक में विचार-विमर्श किया जायेगा।
  8. विद्यार्थियों के खराब परीक्षा परिणाम की सम्पूर्ण जवाबदेही विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं संबंधित विषय के शिक्षक की होगी। 20% से अधिक असफल छात्र-छात्राओं का पाये जाने की स्थिति में संबंधित प्रधानाध्यापक एवं विषय के शिक्षकों पर विभागीय एवं अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी। अतः यह सभी शिक्षकों को लिए आवश्यक है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति, उनकी सभी प्रकार की परीक्षाएँ, विद्यालय में संचालित remedial class एवं विद्यार्थियों के प्रदर्शन को गंभीरता से लिया जाय तथा निरंतर निगरानी रखी जाय ताकि पिछले वर्ष की तुलना में बच्चों का प्रदर्शन बेहतर हो।
  9. प्रधानाध्यापक की जवाबदेही होगी कि विद्यालय की समय सारणी कक्षावार (दिवसवार) समयसारणी शिक्षकों की सहायता से तैयार करना सुनिश्चित करेंगे जिससे सभी शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
  10. आदर्श विद्यालय में सरकार के द्वारा बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है तथा शिक्षकों की प्रतिनियोजन भी की गई है, के आलोक में नामांकन ससमय पूर्ण कर लिया जाय तथा सभी सर्वसाधारण लोगों को आदर्श विद्यालय के बारे मे जानकारी देने हेतु प्रचार प्रसार किया जाय। इंटर (विज्ञान) के कक्षा में नामांकन नहीं होने की स्थिति में कला एवं वाणिज्य के छात्रों का नामांकन लेते हुए रिक्त सीट को भरेंगे और इसकी सूचना राज्य कार्यालय को उपलब्ध करायेंगे।
  11. Holistic Progress Card ऑनलाइन माध्यम से वर्ष में तीन बार (हर चार महीने में एक बार ) तैयार किया जाएगा, जिससे छात्रों की प्रगति का समुचित मूल्यांकन / विश्लेषण NCF के आधार पर किया जा सके एवं इसे evv या JEPC के वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा ताकि छात्र एवं उनके अभिभावक रिपोर्ट कार्ड का अवलोकन कर सके।

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