5 फरवरी को झारखंड HC में होगी JPSC प्रथम-द्वितीय परीक्षा की ‘अनियमितताओं’ पर सुनवाई

झारखंड राज्य गठन के बाद हुए दो जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं में लगे अनियमितताओं के आरोप वाली याचिका पर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई जांच से जुड़ी बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। बुद्धदेव उरांव का आरोप है कि जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय की परीक्षा में अंकों की हेराफेरी और रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की गयी है। इसी की जांच सीबीआई कर रहा है। हाई कोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है।

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मामले में रांची की सीबीआई अदालत में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। उसे स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय दिया जाये। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 फरवरी तय की है।

मामला जेपीएससी की प्रथम और परीक्षा गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है। प्रथम जेपीएससी परीक्षा की गड़बड़ियों को लेकर सीबीआई ने केस नंबर आरसी 5/2012 में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद, वरीय सदस्य गोपाल प्रसाद, सदस्य राधा गोविंद नागेश, सदस्य शांति देवी, परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी सिंह समेत 37 लोगों को आरोपित बनाया था। इनके अलावा अपर समाहर्ता रैंक के अधिकारी सीमा सिंह, सुषमा नीलम सोरेन, कुंवर सिंह पाहन, ज्योति कुमारी झा, अलका कुमारी, मोहनलाल मरांडी, राम नारायण सिंह, सुदर्शन मुर्मू, जेम्स सुरीन, जितेंद्र मुंडा, पूनम कच्छप, राजीव कुमार, संजीव कुमार, अनंत कुमार, परमेश्वर मुंडा, संतोष कुमार गर्ग, कमलेश्वर नारायण एवं विजय वर्मा को आरोपित बनाया है। वहीं, सीबीआई ने जेपीएससी द्वितीय परीक्षा गड़बड़ी मामले में केस नंबर आरसी 6/2012 में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद समेत 70 आरोपितों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।

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