भोगनाडीह, साहेबगंज
साहेबगंज जिले के बरहेट प्रखंड में स्थित सिदो – कानू के जन्मस्थली भोगनाडीह में संताल ग्रामीण और पुलिस के बीच झड़प हो गयी। इस घटना में चार पुलिस के जवान जख्मी हो गये, तो वंही दर्जनभर संतालों को भी चोटे आयी है। सरकारी कार्यक्रम और सिदो कानू मुर्मू हूल फाउंडेशन के कार्यक्रम और मंच को लेकर शुरू हुए विवाद ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया। रविवार देर रात पुलिस प्रशासन ने फाउंडेशन के कार्यक्रम की प्रशासनिक इजाजत नहीं होने का हवाला देकर उनके मंच को हटा दिया। इस बात पर फाउंडेशन के मंडल मुर्मू अपने समर्थकों के साथ प्रशासन के समक्ष अड़े रहे। अंत में उन्होंने कार्यक्रम स्थल के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी। इस बात पर दोनों गुट के बीच जमकर नारेबाजी और बहस शुरू हो गये। मामला इतना बढ़ गया कि कुछ लोगों ने तीर और कुल्हाड़ी से पुलिस पर हमला कर दिया। मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। कुछ घंटों के लिए भोगनाडीह में स्थिति काफी तनावपूर्ण रही। मामला शांत होने के बाद सरकारी आयोजन में शामिल होने आये शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय, सांसद विजय हांसदा एँव अन्य कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उन्होंने श्रृद्धांजलि के बाद सभा को संबोधित भी किया।
कार्यक्रम के आयोजन को लेकर शुरू हुआ विवाद
विगत कुछ दिनों से प्रशासन और ग्रामीण के बीच हूल दिवस के कार्यक्रम के आयोजन को लेकर खिंचतान चल रही थी। सिद्दो कानू के वंशज मंडल मुर्मू स्थानीय स्टेडियम में 30 जून हूल दिवस के मौके पर कार्यक्रम करना चाहते थे। उन्होंने इसकी लिखित सूचना प्रशासन को दी, लेकिन प्रशासन ने कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद वहां के ग्रामीण नाराज हो गये और प्रशासन के खिलाफ इन्होंने मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने मौखिक रूप से कार्यक्रम करने की इजाजत दी, लेकिन प्रशासन के द्वारा देर रात इनके मंच को नुकसान पहुंचा गया। मंडल मुर्मू का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से लिखित परमिशन देने का आग्रह किया, बावजूद उनके कार्यक्रम में बाधा डाला जा रहा था। गांव के मांझी और समस्त ग्रामीण उनके साथ हैं। इसी रस्साकशी के बाच जुटे ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा बनाये गये मंच को नुकसान पहुंचाया।