हूल आंदोलन के मुखिया सिदो – कान्हु एवं चांद – भैरव को माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

दिल्ली

1855 में स्वतंत्रता की लड़ाई के अग्रगण्य, भारत माता के वीर सपूत और (हूल) आंदोलन के मुखिया सिदो – कान्हु एवं चांद – भैरव को माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माल्यार्पण अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि संथाल हूल विद्रोह के महानायक अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो और हजारों वीर शहीदों के संघर्ष और समर्पण के पदचिन्हों पर चलने वाले आदरणीय बाबा दिशोम गुरुजी अभी अस्वस्थ हैं। इस कारण मैं इस बार भोगनाडीह की क्रांतिकारी, वीर भूमि पर नहीं आ पाया ।लेकिन हूल दिवस हमारे लिए सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है। हूल दिवस हमारे लिए संकल्प का दिन है, हूल हमारी ताकत है, हूल हमारी पहचान है। इस अवसर पर गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, विधायक रामगढ़ ममता देवी, विधायक टुंडी मथुरा प्रसाद महतो, विधायक सारठ उदय प्रताप सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, विधायक खिजरी राजेश कच्छप और पूर्व विधायक के एन त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

झारखंडी अस्मिता के लिए होगा हूल

उन्होंने एक्स के माध्यम राज्यवासियों से कहा कि आने वाले समय में आदिवासी धर्म कोड, आदिवासी संस्कृति, भाषा, सभ्यता और पहचान के लिए हूल उलगुलान होगा। हूल दिवस पर अमर वीर शहीदों को शत-शत नमन!

 

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