हजारीबाग, झारखंड
हजारीबाग के सिद्धू-कान्हू मुर्मू चौक मे वीर सिद्धू-कान्हू मुर्मू और संत कोलंबस कॉलेज स्थित पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री के.बी सहाय जी की प्रतिमाओं को तोड़े जाने की घटना ने आदिवासी समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। आदिवासी समाज हजारीबाग ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन एवं सरकार से त्वरित जांच हो और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है। आदिवासी समाज के कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों ने कहा कि वीर सिद्धू-कान्हू मुर्मू और के.बी सहाय जी का झारखंड के इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और अपनी जान न्योछावर की। इन प्रतिमाओं को तोड़ना न केवल आदिवासी समाज एवं मुलवासियों का अपमान है, बल्कि यह झारखंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर हमला है।
क्या है मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बीती रात अज्ञात लोगों ने सिद्धू-कान्हू मुर्मू चौक में स्थापित वीर सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा और संत कोलंबस कॉलेज स्थित पार्क में स्थापित के.बी सहाय की प्रतिमा को षडयंत्र के तहत क्षतिग्रस्त किया गया। इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और आदिवासी समाज के सदस्य मौके पर पहुंचे और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
आदिवासी समाज की मांगें
आदिवासी समाज हजारीबाग ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
1. घटना की गहन जांच कर दोषियों को अविलंब सजा दी जाए।
2. क्षतिग्रस्त प्रतिमाओं की मरम्मत और पुनर्स्थापना की जाए।
3. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाए।
4. आदिवासी समाज एवं मुलवासियों की भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
5. सिध्दू कान्हू मुर्मू चौक के चारो ओर सीसीटीवी कैमरा लगया जय
प्रशासन का रुख
हजारीबाग के एस.डी.एम और सी.ओ एवं थाना प्रभारी को इस घटना से संबधित आवेदन दिया गया एवं घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू करने का आश्वासन दिया है। सदर एस.डी.एम ने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। दोषियों को जल्द पकड़कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस अधीक्षक ने समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच तेज कर दी गई है।
आदिवासी समाज में आक्रोश
इस घटना के बाद आदिवासी समाज में गुस्सा और निराशा का माहौल है। आदिवासी समाज के संयोजक रमेश कुमार हेम्ब्रोम, ऑल इंडिया एसी एसटी ओबीसी कोओडिनेशन कौन्सिल के प्रदेश महासचिव निरज कुमार बेसरा सरना समिति अध्यक्ष महेंद्र बेक आदिवासी छात्र संघ के उपाध्यक्ष सुशील ओडिया ओल संथाल स्टुडेंट यूनियन के मनोज टुडू बंंधन एक्का मनीषा टोप्पो फुलवा रानी कचछप बिरसा मुण्डा एवं छात्र संघ समिल हुए साथ ही आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा, “यह केवल मूर्तियों को तोड़ने की बात नहीं है, यह हमारी पहचान और गौरव पर हमला है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” समाज के अन्य सदस्यों ने भी एकजुट होकर इस घटना के खिलाफ आवाज उठाई। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच जल्द पूरी होगी और दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी। साथ ही, प्रतिमाओं की मरम्मत और पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। आदिवासी समाज ने भी शांति बनाए रखने का वादा किया है, लेकिन साथ ही चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। हजारीबाग में यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे झारखंड में चर्चा का विषय बन गई है। सभी की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं, ताकि इस मामले में न्याय सुनिश्चित हो सके।