रांची: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने मंगलवार 11 बजे IAS विनय चौबे को उनके घर से पूछताक्ष के लिए अपने कार्यालय ले गई। विनय चौबे उत्पाद विभाग के सचिव रहे चुके हैं और उनपर अपने कार्यकाल में शराब घोटाला हुआ था। फिलहाल श्री चौबे राज्य में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर हैं।
छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य में कथित शराब घोटाले के सिलसिले में सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज की थी। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने सरकार से अनुमति लेकर शराब घोटाले के सिलसिले में नियमित प्राथमिकी दर्ज की है।
क्या है मामला
कथित शराब घोटाले की कहानी छत्तीसढ़ से जुड़ी है और झाऱखंड में उनके तार तब जुड़े, जब सरकार ने शराब बिक्री की नयी नीति बनायी। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध कमाई के लिए झारखंड की शराब नीति बदलवायी गयी। छत्तीसगढ़ के शराब माफियाओं के सिंडिकेट ने झारखंड के शराब दुकानों में मैन पावर सप्लाई किये और ट्रैकिंग व होलोग्राम का ठेका भी हासिल कर लिये। शराब की बिक्री के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट विबरेज कॉरपोरेशन को कंसल्टेंट को झारखंड में भी कंसल्टेंट नियुक्त किया गया।