चुनाव आयोग का दौरा खत्म, एक चरण में विधानसभा चुनाव कराये जाने का भी मिला सुझाव

रांची,

भारत के निर्वाचन आयोग के 12 सदस्यीय टीम का दो दिवसीय झारखंड दौरा 24 सितंबर को समाप्त हो गया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त  राजीव कुमार के नेतृत्व में दो दिनों तक निर्वाचन आयोग की टीम ने राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों तथा राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की। चुनाव से संबंधित पार्टियों के राय और शिकायतों को चुनाव आयोग ने गंभीरता से सुना। निर्वाचन आयोग की टीम दो दिनों की बैठक और चुनावी हालात की रिपोर्ट भारत के निर्वाचन आयोग को सौंपेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर झारखंड में कब और कितने चरणों में चुनाव कराये जायेंगे इसकी घोषणा होगी। उम्मीद की जा रही है, जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव सम्पन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग झारखंड के साथ महाराष्ट्र के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकती है। पूरी बैठक और दौरा सम्पन्न होने के बाद चुनाव आयोग ने एक प्रेस रिलीज जारी की है, जिसके जरिये उन्होंने जानकारी दी हैः

राजनीतिक दलों ने उठाया मुद्दे

अधिकांश दलों ने सर्वसम्मति से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव कार्यक्रम तय करने से पहले अक्टूबर और नवंबर के महीने में दिवाली, छठ, दुर्गा पूजा और राज्य स्थापना दिवस जैसे विभिन्न त्योहारों पर विचार करने का अनुरोध किया है। कई दलों ने एक चरण में चुनाव कराने का भी अनुरोध किया है।

डीसी-एसपी के बैठक में दिये गये सुझाव

आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि भारत निर्वाचन आयोग राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, समावेशी, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने इन मुद्दों की समीक्षा करने के बाद, निम्नलिखित निर्णय लिया और राज्य और जिला प्रशासन को अवगत कराया है:

सभी मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की जाएगी, जहाँ भी तकनीकी रूप से संभव हो।

सभी मतदान केंद्रों पर रैंप, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, व्हीलचेयर और बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्वयंसेवकों सहित न्यूनतम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए प्राथमिकता वाले मतदान को सुनिश्चित किया जाएगा।

मतदान केंद्र भूतल पर और मतदाताओं के निवास से 2 किलोमीटर के भीतर होंगे। 2 किमी की सीमा से परे कुछ मतदान केंद्रों के लिए पिक एंड ड्रॉप सुविधा प्रदान की जाएगी।

किसी भी मतदान केंद्र पर 1500 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।

जिला प्रशासन मौन अवधि के दौरान बल्क एसएमएस और आईवीआरएस कॉल का उपयोग करके प्रचार/विज्ञापन पर निगरानी और प्रतिबंध सुनिश्चित करेगा।

मतदाता सूचना पर्चियों का समय पर वितरण किया जाएगा।

जिला निर्वाचन अधिकारियों को विशेष रूप से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ होने और उनकी शिकायतों और शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के अलावा समय-समय पर बैठकों के माध्यम से उनसे नियमित रूप से मिलने के लिए कहा गया।

सभी प्रवर्तन एजेंसियां ​​राज्य में अवैध शराब, नकदी और नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने के लिए समन्वित तरीके से काम करें।

अंतरराज्यीय सीमाओं पर महत्वपूर्ण चेक पोस्टों पर 24×7 सीसीटीवी निगरानी और फ़ीड का गंभीरता से पालन किया जाना चाहिए।

झारखंड में कुल 2.59 करोड़ पंजीकृत मतदाता

सीईओ झारखंड ने बताया 1 जुलाई, 2024 को अर्हता तिथि पूरी हो गई है और 27 अगस्त, 2024 को मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी और इसकी प्रतियां राजनीतिक दलों को प्रदान की गई थीं। मतदाता सूची के निरंतर अद्यतन के साथ और 20.09.2024 तक, राज्य में कुल 2.59 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 1.31 करोड़ पुरुष, 1.28 करोड़ महिला मतदाता हैं। राज्य में 11.05 लाख से अधिक मतदाता पहली बार मतदान करेंगे, वंही 14 लाख 85+ वरिष्ठ नागरिक और 3.64 लाख PwD मतदाता पंजीकृत हैं। 1845 से अधिक मतदाता 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। उन्होंने बताया झारखंड में कुल 29,562 मतदान केन्द्र बनेंगे। समीक्षा के दौरान मतदान केंद्रों का अवलोकन करते हुए, सीईओ झारखंड ने बताया कि विधानसभा चुनाव में 20,276 स्थानों पर कुल 29,562 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनमें से 24,520 मतदान केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे, जबकि 5,042 शहरी मतदान केंद्र होंगे, जहां प्रति मतदान केंद्र औसतन 872 मतदाता होंगे।

 

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