संथाल समाज की संस्कृति, अस्तित्व और पहचान को बचाने के लिए मांझी परगना को जागरूक करना जरुरी- चंपाई सोरेन

मांझी परगना महासम्मेलन में को कोल्हान टाइगर एवं पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि संथाल में स्व शासन  व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर वह लगातार यहां मांझी परगना के साथ संवाद करेंगे और संगठित करने का काम करेंगे। चंपई सोरेन आज पाकुड़ में बाजार समिति प्रांगण मैदान में ग्राम प्रधानों के महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लोग जागरूक होंगे तभी हमारा गांव, समाज ,संस्कृति,भाषा बचेगी नहीं तो यहां बांग्लादेशी घुसपैठ दिनों दिन हम आदिवासियों की अस्तित्व को समाप्त करने का काम कर रहे हैं। कहा कि बहुत जल्द गांव में बड़ा वैसी बुलाकर आदिवासियों की हड़पी  गई जमीन  को हम उन्हें वापस दिलाने का काम करेंगे। देश परगना के नेतृत्व में लोगों को जुटाएंगे और फैसला लेंगे। आदिवासियों के गांव को मिटाने की जो साजिश रची जारी है उसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पाकुड़ में एक दर्जन ऐसे गांव है जहां आज आदिवासियों की अस्तित्व समाप्त हो गई है, उनकी पहचान खत्म हो गई है। हम वैसे गांव में फिर से आदिवासियों को बसाने का काम करेंगे ।महासम्मेलन को  लोबिन हेंब्रम ने भी संबोधित किया।

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