गिरिडीह,
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने गांव कोदईबांक के मुहाने पर (मांझीथान) संतालों का पूजा स्थल निर्माण को लेकर भूमि पूजन (शिलान्यास) किया। आधारशिला रखने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि आज गांव में मुझे मांझी थान का आधारशिला रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, क्योंकि यह संतालों का पहचान है आप कहीं भी जाएंगे तो देखेंगे संतालों का दो ही पूजा स्थल होता है, एक जाहेर थान और मांझी थान ये संताल जाति की पहचान है ।
अगर गांव से मांझी थान और जाहेर थान समाप्त हो जाएगा तो संताल जाति भी समाप्त हो जाएगा। चूंकि इस दो स्थलों में स्थल लोग पूजा अर्चना करते हैं। उसी तरह आबू दो संथाल मतलब हमलोग संथाल है अगर जाहेर थान है तो मरांग बुरू को पूजते हैं वो संथाल है उसी तरह हम अपने पूर्वज पिलचु हाड़म और पिलचु बूढ़ी के संतान है और उसको पूजते है तो हमारा संथाल होने का ये भी एक बड़ी पहचान है ।