रांची
झारखंड में जनजातीय एंव क्षेत्रीय भाषा में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई कैसे हो, यह समझने और जानने के लिए झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग का एक अध्ययन दल पश्चिम बंगाल जायेगा। शिक्षा विभाग पश्चिम बंगाल के तर्ज पर राज्य में जनजातीय एंव क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी में है। अध्ययन दल जनवरी के प्रथम सप्ताह में भी अध्ययन आरंभ करेगी। इस दल में प्राथमिक शिक्षा निदेशक शशि प्रकाश सिंह, संयुक्त सचिव नन्दकिशोर लाल, झारखंड अधिविध परिषद् के सचिव जयंत मिश्र, प्रशाखा पदाधिकारी सच्चिदानंद द्विवेंदु तिग्गा, अभिनव कुमार और मंत्री रामदास सोरेन के द्वारा नामित शिक्षक रजनीकांत मांडी और छोटा भुजंग टुडू सदस्य होंगे।
इन बिंदुओं का करेगी अध्ययन।
पश्चिम बंगाल राज्य के भ्रमण के क्रम में समिति जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के संदर्भ में निम्नांकित पहलुओं का अध्ययन कर एक पखवाड़ा के अंदर अपना प्रतिवेदन सौंपेगी। समिति इन बिंदुओं का अध्ययन करेगी: –
- संबंधित राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिक से लेकर उच्चतर कक्षा तक जनजातीय एवं अन्य क्षेत्रीय भाषा का पठन-पाठन के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्गत अधिनियम, नियमावली, संकल्प, अधिसूचना आदि।
- विद्यालयों में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किस आधार पर एवं किस संस्था / प्राधिकार द्वारा किया गया है।
- पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा की अपनी लिपि में की गई है अथवा अन्य लिपि में।
- जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया, सेवा-शर्त नियमावली, वेतनादि एवं अन्य देय सुविधायें क्या-क्या है।
- संबंधित राज्य में प्राथमिक और उच्चतर स्तर पर जनजातीय भाषाओं के शिक्षण की वर्तमान स्थिति क्या है।
- संबंधित राज्य में ई-लर्निंग और डिजिटल माध्यमों से जनजातीय भाषाओं के शिक्षण के प्रयास एवं डिजिटल सामग्री की उपलब्धता और उपयोगिता ।
- जनजातीय भाषाओं के शिक्षण के लिए उपलब्ध संसाधनों और आधारभूत संरचना के साथ-साथ जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आयोजित कार्यक्रमों की संरचना और प्रभावशीलता तथा प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या और उनकी उपलब्धता आदि।
- जनजातीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए संबंधित राज्य सरकार द्वारा लागू योजनाओं और उनके प्रभाव का विश्लेषण आदि।
- जनजातीय भाषा के पढ़ाई से संबंधित अन्य विषय जो संबंधित राज्य द्वारा अपनाई गई हो।