राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव के शातिपूर्ण संपन्न को लेकर परिसर में स्थित दिसोम मारंग बुरु थान में पूजा-अर्चना की गयी।

दुमका(स.प.)

राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव 21 फ़रवरी से 28 फ़रवरी तक आयोजित है। हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी होने वाले मेला के पूर्व दिसोम मारंग बुरु संताली अरीचली आर लेगचार अखड़ा के बैनर तले अपने इष्टदेव की पूजा की गयी। हिजला, धतीकबोना, हडवाडीह आदि गांव के संताल आदिवासियों ने जनजातीय हिजला मेला महोत्सव शातिपूर्ण रूप से संपन्न हो, इसे लेकर हिजला मेला परिसर में स्थित दिसोम मारंग बुरु थान में पूजा-अर्चना की गयी। नायकी राजेन्द्र बास्की ने बताया कि कि मेला में आने वाले लोगो को कोई दुःख तकलीफ ना हो, उसके लिए पूजा किया गया। मंझी बाबा सुनीलाल हांसदा ने बताया कि संताल आदिवासियों में यह परम्परा है कि कोई भी शुभ काम शुरू करने के पहले आपने इष्ट देवता मरांग बुरु की पूजा अर्चना करते है। आज सभी ग्रामीण दिसोम मरांग बुरु थान में पूजा अर्चना किये और सभी ग्रामीणों ने मेला को सफल बनाने का संकल्प लिया। कल मेला का शुभारंभ है, इस दिन को प्रशासन व मेला समिति के द्वारा विशेष पूजा का आयोजन किया जायेगा। इस मौके में जयगणेश हांसदा, प्रदीप हांसदा, प्रिंस मरांडी, प्रकाश सोरेन, एमेल मरांडी, प्रदीप मुर्मू, धनमुनि हेम्ब्रम, सलोनी सोरेन, सोना सोरेन, ललिता हेम्ब्रम, सुनील हांसदा,  शिव हांसदा, अबित मरांडी, अशोक टुडू, सचिन मुर्मू आदि उपस्थित थे।

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