राज्यपाल से मिला मरांग बुरू फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल, सभी तरह के अधिकार ग्रामसभा को देने की रखी मांग।

रांची

मरांग बुरू फाउंडेशन के एक प्रतनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। फाउंडेशन के प्रतिनिधि दल का नेतृत्व राज्य सरकार के समन्यवय समिति के सदस्य व मंत्री दर्जा प्राप्त फागु बेसरा ने की। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान सौंपे गये ज्ञापन में फाउंडेशन ने मांग की है कि मरांग बुरू संताल आदिवासियों के धार्मिक स्थल को संरक्षित करने एंव प्रबंधन निगरानी, नियंत्रण एंव अश्रवण के लिए वहां के ग्राम सभा को जिम्मेवारी दी जाये। सुप्रीम कोर्ट वाद संख्या 180/2011 एंव अनुसूचित जनजाति और अय परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 के तहत सामुहिक वन भूमि अधिकारी के तहत संरक्षण, प्रबंधन, निगरानी, नियंत्रण एंव अनुश्रवण की जिम्मेवारी वहां के आधिवासियों को दिये जाने का प्रावधान है। परंतु बिना ग्राम सभाके सहमति के भारत सरकार पर्यावरण, वन एंव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिसूचना संख्या 2795 (अ) दिनांक 2 अगस्त 2019 के तहत मरांग बुरू (पारसनाथ) को पारिस्थिति संवेदी जोन (Eco Sensitive Zone) घोषित कर दिया गया, जो असंवैधानिक है। प्रतिनिधिमंडल ने इसे रद्द करने की मांग भी रखी है। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान सुधीर बास्के, एतो बास्के, बिंदे सोरेन, सुरेन्द्र टुडू, सोनाराम मांझी, भगवान किस्कू, दिलीप मुर्मू, सुशांत सोरेन, धनीराम मांझी प्रो. बलराम उरांव उपस्थित थे।

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