रांची,
ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन आजसू बृहत झारखंड के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष ललित महतो ने प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि “सम्मान की भीख ना मांगे आंदोलन अभी जारी है — बिहार का टुकड़ा मिला है झारखंड बनना बाकी है” । उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से झारखंड अलग राज्य की लड़ाई हमारे पूर्वजों और हमलोगों ने लड़ा था, वो उद्देश्य अभी पूरा होना बाकी है। झारखंड को छठवीं अनुसूची राज्य बनाना मूल उद्देश्य है। भाषा संस्कृति और खतियान के आधार पर झारखंड का स्थानीय नीति, जमीनदाताओँ के मालिकाना हक़ के आधार पर औद्योगिक नीति , त्रिभाषा के आधार (स्थानीय भाषा, राष्ट्रीय भाषा, अंतराष्ट्रीय भाषा) पर शिक्षा नीति, जिससे कि झारखंड का सामाजिक पुनर्गठन हो । श्री महतो ने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सम विचार धारा वाले झारखंड नामधारी दलों का फ्रंट “झारखंड फ्रंट” बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका तर्क है कि झारखंड नामधारी दल आपसी मतभेदों को भूलकर एक जुट होकर सामाजिक और राजनीतिक ताकत बनें। इसके लिए झारखंड नव निर्माण समिति जो एक गैर राजनीतिक संगठन है इसका पहल करेगी। झारखंड के सामाजिक पुनर्गठन के लिए बृहत झारखंड लेना मुख्य उद्देश्य है।