दिल्ली
दिल्ली के एम्स में सीपीएम के महासचिव और वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने आखिरी सांस ली। 72 साल के सीताराम येचुरी लंग्स इन्फेक्शन से पीड़ित थे, वे कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थे। उनके जाने से वामदलों के विचारों में एक विराम सा लग गया है। सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई, तमिलनाडु में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। सीताराम येचुरी ने 1970 में सीबीएसई हायर सेकेंडरी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
ऐसी रही राजनीतिक सफर
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उन्होंने वहां से अर्थशास्त्र में बीए किया और फिर जेएनयू से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। 1974 में उन्होंने भारतीय राजनीति में कदम रखा। उस समय वह स्टूडेंट्स फेडेरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य बनें, फिर 1975 में वे कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) में शामिल हो गये। 1977 में इमरजेंसी हटने के बाद सीताराम येचुरी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये। वे दिल्ली में सीपीएम का चेहरा बन चुके थे। 2005 से 2017 तक वो राज्यसभा सांसद रहे। 1992 में वे सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य चुने गये और 2015 में महासचिव। 2018 और 2022 में भी वे महासचिव के लिए चुने गये।