करमा पर सीएम की सौगात, निशुल्क मिलेगा छात्रों को कल्याण विभाग के छात्रावास में भोजन

रांची,

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन आज रांची महिला महाविद्यालय के साइंस ब्लॉक स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में आयोजित “करम पूजा महोत्सव” में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अखरा में पूजा-अर्चना की तथा करम डाली को प्रणाम कर झारखंडवासियों की सुख, समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की। मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन ने आदिवासी पारंपरिक वाद्य मांदर भी बजाया। मौके पर विधायक कल्पना सोरेन ने उपस्थित सभी लोगों को प्राकृतिक पर्व करम पूजा महोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन ने कहा कि हमसभी का यह प्रयास होना चाहिए कि झारखंड की सभ्यता-संस्कृति सदैव आगे बढ़ती रहे। झारखंड के अंदर आदिवासियों की गूंज इतनी मजबूत हो कि सवा सौ करोड़ आबादी वाले इस देश में आदिवासी समुदाय की अलग पहचान बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आपसभी के सहयोग से इस परिसर में करम पूजा महोत्सव काफी उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है।मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारी यह परिकल्पना है कि आदिवासी समुदायों के त्योहारों का एक अलग स्थान बने। त्योहारों की जिम्मेदारी हमसभी लोग अपने कंधों पर उठाएं और आने वाले पीढ़ी को भी अपनी सभ्यता-संस्कृति से जोड़ें।

मल्टी स्टोरेज हॉस्टल का होगा निर्माण

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि इस परिसर के अंदर राज्य सरकार की तरफ से मैं विशेष कार्य योजना लेकर आऊंगा। मुझे आज यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आज झारखंड के इस राजधानी में पहले चरण में कल्याण विभाग के माध्यम से छात्र-छात्राओं के लिए मल्टी स्टोरेज हॉस्टल बनाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। यह मल्टी स्टोरेज हॉस्टल लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएगी। यह हॉस्टल इस राज्य का आदर्श तथा आधुनिक व्यवस्थाओं से लैस होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय के अधिकतर बच्चे-बच्चियां गांव-देहात से आते हैं। ये बच्चे काफी जद्दोजहद करते हुए सीमित संसाधनों के बीच शिक्षा ग्रहण करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के बच्चे-बच्चियां सरकारी हॉस्टलों में रहकर पढ़ाई करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं छात्र राजनीति में था तब मुझे कई कॉलेज तथा छात्रावास में जाने का मौका मिलता था। उस समय मैंने देखा कि हमारे छात्र-छात्राओं में उत्साह और दूरदर्शिता तो रहती थी लेकिन इनके बीच कई सारी बाधाएं इन्हें आगे बढ़ने में रुकावटें पैदा करती थी। आज के समय में भी हमारे आदिवासी समुदाय के छात्र-छात्राएं न्यूनतम चीजों के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। राज्य सरकार इस स्थिति को हर संभव बदलने का प्रयास कर रही है तथा आदिवासी समुदाय के बच्चों को आर्थिक सहयोग भी कर रही है।

कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी छात्रावासों में होगी नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उनकी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित सभी छात्रावासों में राज्य सरकार द्वारा बच्चों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। अब राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी हॉस्टल्स में रसोईया, राशन तथा सुरक्षा हेतु गेटकीपर उपलब्ध रहेंगे। राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी छात्रावास प्रोफेशनल हॉस्टल की तरह संचालित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि यहां की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने सीएम एक्सीलेंस स्कूल की शुरुआत की है। पहले चरण में 80 विद्यालयों को सीएम एक्सीलेंस स्कूल के रूप में अपग्रेड किया जा चुका है। आने वाले समय में राज्य के भीतर 5 हजार सीएम एक्सीलेंस स्कूल संचालित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, किसान सहित सभी वर्ग के बच्चे भी निजी विद्यालयों के तर्ज पर शिक्षा ग्रहण कर सकें इस निमित्त प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का समय प्रतियोगिता परीक्षा का समय है। राज्य सरकार का प्रयास है कि हमारे आदिवासी समुदाय के बच्चे भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर अच्छे पदों पर पहुंच सके। बच्चों की पढ़ाई में पैसा का अभाव बाधा न बने इसका भी ख्याल राज्य सरकार रख रही है।

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